PM Vishwakarma Training Center List 2025: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना और उनके कौशल का उन्नयन करना है। इस योजना के तहत, विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की गई है, जहां कारीगर अपने कौशल को उन्नत कर सकते हैं और आधुनिक तकनीकों से परिचित हो सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना की मुख्य विशेषताएं
- लक्षित समूह: 18 पारंपरिक व्यवसायों में संलग्न कारीगर और शिल्पकार।
- आयु सीमा: 18 से 50 वर्ष के बीच।
- प्रशिक्षण अवधि:
- बेसिक ट्रेनिंग: 5 से 7 दिन।
- एडवांस्ड ट्रेनिंग: 15 दिन या उससे अधिक।
- दैनिक भत्ता: प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रति दिन।
- टूलकिट सहायता: ₹15,000 तक का ई-वाउचर, जिससे आवश्यक उपकरण खरीदे जा सकते हैं।
- ऋण सुविधा: दो चरणों में कुल ₹3 लाख तक का ऋण।
- ब्याज दर: 5% (सरकारी सब्सिडी के साथ)।
- डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: प्रति लेनदेन ₹1 का प्रोत्साहन (अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह)।
अपने क्षेत्र में पीएम विश्वकर्मा प्रशिक्षण केंद्र कैसे खोजें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- डैशबोर्ड पर क्लिक करें: होमपेज पर ‘Dashboard’ विकल्प पर क्लिक करें।
- प्रशिक्षण केंद्र विकल्प चुनें: डैशबोर्ड में ‘Training Center’ विकल्प पर क्लिक करें।
- राज्य और जिला चुनें: अपने राज्य और जिले का चयन करें।
- फोकस मोड का उपयोग करें: सभी जानकारी भरने के बाद ‘Focus Mode’ पर क्लिक करें।
- प्रशिक्षण केंद्र सूची देखें: अब आपके क्षेत्र के सभी प्रशिक्षण केंद्रों की सूची प्रदर्शित होगी, जिसमें नाम, पता, संपर्क नंबर और ईमेल शामिल होंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ:
- मुफ्त प्रशिक्षण और दैनिक भत्ता, जिससे कारीगरों को आर्थिक सहायता मिलती है।
- टूलकिट खरीदने के लिए ई-वाउचर, जिससे वे अपने कार्य में आवश्यक उपकरण प्राप्त कर सकते हैं।
- कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं।
- डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन, जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलता है।
पात्रता मानदंड:
- आयु: 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- 18 निर्धारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में कार्यरत होना आवश्यक है।
- आधार कार्ड अनिवार्य है।
- व्यवसाय से संबंधित बुनियादी ज्ञान और अनुभव होना चाहिए।
शामिल पारंपरिक व्यवसाय:
- बढ़ई (Carpenter)
- नाई (Barber)
- लोहार (Blacksmith)
- स्वर्णकार (Goldsmith)
- कुम्हार (Potter)
- जूता बनाने वाला (Cobbler)
- राजमिस्त्री (Mason)
- टोकरी/चटाई बनाने वाला (Basket/Mat Maker)
- धोबी (Washerman)
- दर्जी (Tailor)
- और अन्य पारंपरिक व्यवसाय।
आवेदन प्रक्रिया:
- ऑनलाइन पंजीकरण: आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता विवरण अपलोड करें।
- व्यवसाय का चयन करें: अपने पारंपरिक व्यवसाय का चयन करें।
- सत्यापन प्रक्रिया: आपके आवेदन का सत्यापन होगा।
- प्रशिक्षण केंद्र आवंटन: सत्यापन के बाद आपको प्रशिक्षण केंद्र आवंटित किया जाएगा।
- महत्वपूर्ण सूचना:
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