Bank Loan Rules 2025: डिभारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जनवरी 2025 से बैंक लोन के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन नियमों का उद्देश्य लोन प्रोसेस को सरल बनाना और ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देना है। नए बदलाव होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, और MSME लोन समेत सभी प्रकार के लोन पर लागू होंगे।
इन अपडेट्स में डिजिटल लोन, क्रेडिट स्कोर सुधार, और ब्याज दरों में कमी जैसी प्रमुख सुविधाएं शामिल हैं, आरबीआई द्वारा किए गए इन सुधारों का असर लोन लेने वालों और बैंकिंग सेक्टर दोनों पर पड़ेगा।
Bank Loan Rules 2025
ग्राहकों को न केवल सस्ती ब्याज दरें मिलेंगी, बल्कि लोन की प्रोसेसिंग भी तेज और पारदर्शी होगी। इसके साथ ही डिजिटल बैंकिंग और ट्रेडिंग स्कोर को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
क्रेडिट स्कोर अपडेट का नया नियम
बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को प्रत्येक 15 दिनों में क्रेडिट ब्यूरो को उधारकर्ताओं की जानकारी अपडेट करनी होगी, जिससे क्रेडिट इतिहास का सटीक मूल्यांकन संभव होगा।
डिजिटल लोन: फिनटेक का बढ़ता प्रभाव
सभी बैंकों में डिजिटल माध्यम से लोन आवेदन, केवाईसी, स्वीकृति और वितरण की प्रक्रिया उपलब्ध होगी, जिससे लोन प्रक्रिया तेज और सरल होगी।
3. ब्याज दरों में संभावित गिरावट
RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती की संभावना है, जिससे विभिन्न ऋणों की ब्याज दरों में कमी आ सकती है।
4. लोन प्रोसेसिंग फीस पर सीमा
होम लोन पर अधिकतम 0.5%, कार लोन पर 1% और पर्सनल लोन पर 2% तक प्रोसेसिंग फीस निर्धारित की गई है, जिससे ग्राहकों पर अतिरिक्त भार कम होगा।
को-लेंडिंग मॉडल: MSME को बढ़ावा
बैंक और NBFC मिलकर ऋण प्रदान कर सकेंगे, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवा और कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ी
बिना गारंटी के लोन की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की गई है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा।
UPI से EMI भुगतान आसान
UPI 123Pay की सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये और UPI Lite की सीमा 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये की गई है, जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।
CIBIL स्कोर के नए मानदंड
क्रेडिट कार्ड उपयोग, लोन पुनर्भुगतान इतिहास और क्रेडिट मिक्स को अधिक महत्व दिया जाएगा, जिससे CIBIL स्कोर की गणना अधिक सटीक होगी।
विभिन्न ऋणों पर विशेष नियम:
- होम लोन: फ्लोटिंग रेट लोन पर ब्याज दर हर 3 महीने में संशोधित होगी, प्री-पेमेंट पेनल्टी समाप्त की जाएगी, और होम लोन बीमा अनिवार्य होगा।
- कार लोन: इलेक्ट्रिक वाहनों पर कम ब्याज दर और लंबी अवधि का लोन मिलेगा, यूज्ड कार लोन पर भी नए नियम लागू होंगे, और न्यूनतम डाउन पेमेंट 10% से घटाकर 5% किया जाएगा।
- पर्सनल लोन: अधिकतम राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जाएगी, प्रोसेसिंग फीस 2% से अधिक नहीं होगी, और न्यूनतम CIBIL स्कोर 700 से घटाकर 650 किया जाएगा।
- एजुकेशन लोन: विदेश में पढ़ाई के लिए लोन की सीमा बढ़ाई जाएगी, ब्याज सब्सिडी जारी रहेगी, को-बॉरोअर की आवश्यकता नहीं होगी, और अवधि 15 साल से बढ़ाकर 20 साल की जाएगी।
- MSME लोन: कोलैटरल-फ्री लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी, गारंटी कवर 75% से बढ़ाकर 85% होगा, डिजिटल KYC की सुविधा मिलेगी, और प्रोसेसिंग फीस 1% से अधिक नहीं होगी।
इन परिवर्तनों का उद्देश्य ग्राहकों को उन्नत सुविधाएं प्रदान करना, डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहित करना और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पूर्व अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
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