Varanasi News Today: बनारस में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वोट चोर गद्दी छोड़, मोदी मुर्दाबाद और तानाशाह मुर्दाबाद के नारे लगाए। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रदर्शन हुआ। जानें पूरी खबर।
बनारस में कांग्रेस का हंगामा – “वोट चोर गद्दी छोड़”
वाराणसी (Banaras) की सड़कों पर शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन (Congress Protest in Varanasi) सुर्खियों में रहा। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ज़ोरदार नारेबाज़ी की –
- “वोट चोर, गद्दी छोड़”
- “नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद”
- “तानाशाह मुर्दाबाद”
भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच यह प्रदर्शन तेज़ी से सोशल मीडिया और न्यूज़ हेडलाइंस में वायरल हो गया।
पुलिस और प्रशासन सतर्क – भारी सुरक्षा तैनात
कांग्रेस कार्यकर्ता राजीव भवन पर जुटे और सरकार पर Vote Rigging (वोट चोरी) का आरोप लगाया। जैसे ही नारों की गूंज बढ़ी, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। प्रशासन और कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन जनता की आवाज़ है और लोकतंत्र बचाने के लिए ऐसे विरोध ज़रूरी हैं।
कांग्रेस का आरोप – “लोकतंत्र खतरे में”
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि “वोट चोर गद्दी छोड़” नारा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि आम जनता की पीड़ा को दर्शाता है। उनका आरोप है कि मौजूदा सरकार तानाशाही रवैया (Authoritarian Attitude) अपना रही है और विपक्ष की आवाज़ दबा रही है।
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस तरह के नारे लोकतंत्र का मज़ाक हैं और जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगी।
नारेबाज़ी और लोकतंत्र की सीमा
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि विरोध और प्रदर्शन लोकतंत्र का अहम हिस्सा हैं, लेकिन “मुर्दाबाद” जैसे नारे कहीं न कहीं लोकतांत्रिक मर्यादा पर सवाल खड़े करते हैं।
- एक ओर ये नारे जनता की नाराज़गी का प्रतीक हैं,
- दूसरी ओर ये विभाजन और तनाव भी पैदा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
Banaras Protest 2025 यह दिखाता है कि विपक्ष सरकार को घेरने के लिए अब आक्रामक रुख अपना रहा है। सवाल यह है कि क्या जनता इन नारों को अपनी असल आवाज़ मानेगी या इसे केवल चुनावी राजनीति की रणनीति समझेगी।
👉 आने वाले चुनावों में यह प्रदर्शन कितना असर डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।