Ayushman Card Fraud: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए शुरू की गई थी, जिसमें हर साल ₹5 लाख तक का Free Treatment मिलने का वादा किया गया। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कई Hospital और Doctors इस योजना का गलत फायदा उठाकर Fake Billing और Fraudulent Practices में शामिल हो गए हैं।
हॉस्पिटल की चालबाज़ी
कई Private Hospitals मरीजों को बिना किसी बड़ी जरूरत के भर्ती कर लेते हैं और फिर Card से Treatment दिखाकर Bill पास कराते हैं। जहां Surgery की असली जरूरत नहीं होती, वहां भी Operation दिखाकर Claim किया जाता है। कुछ जगह तो मरीज का अस्तित्व ही नहीं होता, लेकिन Card पर उसके नाम से इलाज दिखाया जाता है।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि छोटे इलाज को बड़े Medical Package में बदलकर लाखों रुपए का Bill बना दिया जाता है। इस तरह Hospital Management और Staff मिलकर Fake Treatment का जाल बुनते हैं।
डॉक्टरों की गड़बड़ी
कुछ Doctors मरीजों से कहते हैं कि “आपके Ayushman Card से Free इलाज होगा”, लेकिन असलियत में उन्हें सही दवा या टेस्ट नहीं दिया जाता। कई बार झूठी Reports और Fake Prescriptions बनाकर Billing कर दी जाती है। इससे मरीज को Real Benefit नहीं मिलता और डॉक्टर Commission कमाने में लगे रहते हैं। अस्पताल और डॉक्टर की मिलीभगत से असली Patient को भी सही Health Service नहीं मिल पाती।
हाल ही के केस
कई राज्यों की जांच में सामने आया कि हजारों Patients का इलाज केवल Papers पर किया गया। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में करोड़ों रुपये का Fraud पकड़ा गया। सरकार ने ऐसे Hospitals का Empanelment रद्द किया और कई पर FIR भी दर्ज की। इन मामलों ने यह साफ कर दिया कि Healthcare Sector में Fake Billing एक बड़ा Scam बन चुका है।
सरकार की कार्रवाई
सरकार अब IT Based Monitoring और AI Tools का इस्तेमाल कर रही है ताकि Suspicious Claims को तुरंत पकड़ा जा सके। Data Analytics के जरिए यह देखा जा रहा है कि कहीं कोई Hospital बार-बार Same Package तो क्लेम नहीं कर रहा। Fraud करने वाले Hospitals को Blacklist किया जा रहा है और Doctors पर भी Penalty लगाई जा रही है।
जनता को नुकसान
इन घोटालों का सबसे बड़ा नुकसान आम जनता को होता है। गरीब मरीज को समय पर Real Treatment नहीं मिलता। कई बार उन्हें यह भी नहीं पता चलता कि उनके Card का इस्तेमाल कब और कहां किया गया। इससे सरकार की Schemes पर भरोसा कम होता है और Health Sector में Corruption और बढ़ जाता है।
समाधान
जरूरत है कि मरीज को हर Claim की जानकारी SMS या Mobile App Notification के जरिए मिले। Hospital और Doctors को इलाज के बाद Patient को Bill Copy देना जरूरी हो। साथ ही Fraud पकड़े जाने पर उनका License रद्द होना चाहिए। जनता को भी Awareness रखनी होगी कि उनका Ayushman Bharat Card कहां Use हो रहा है और कहीं उनका नाम Fake Treatment के लिए तो इस्तेमाल नहीं हो रहा।
निष्कर्ष
Ayushman Bharat Yojana गरीबों के लिए एक बड़ी राहत है, लेकिन Hospital और Doctors की लालच ने इसे कमजोर बना दिया है। अगर सरकार और जनता मिलकर इस Health Insurance Scheme की निगरानी करें और Fraud पर सख्ती दिखाएं, तभी यह योजना अपने असली मकसद को पूरा कर पाएगी।