Aadhar Card At Home: अब डाक विभाग ने घर-घर जाकर आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी उठाई है। प्रारंभ में 2,800 डाकिये मोबाइल किट के माध्यम से घर-घर जाकर आधार कार्ड बना रहे हैं।
अब इस संख्या को बढ़ाकर 7,000 और डाकियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए डाकियों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर होगा, और परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उन्हें ऑथेंटिकेशन नंबर प्रदान किया जाएगा।
आधार कार्ड बनवाने के लिए अक्सर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, चाहे आधार में सुधार करवाना हो या नया आधार बनवाना हो। आधार केंद्रों पर लंबी कतारें देखी जाती हैं। अब, आपके घर बैठे ही आधार कार्ड से संबंधित कार्य किए जा सकेंगे।
अब नवजात शिशुओं से लेकर 12 वर्ष तक के बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। डाकिया आपके घर पर आकर बच्चों का आधार कार्ड बनाएंगे और इसके अलावा सभी आयु वर्ग के लोगों की आधार से संबंधित त्रुटियों को भी सुधारा जाएगा। इसके लिए केवल 50 रुपए का शुल्क देना होगा। यह सुविधा बिहार में घर के दरवाजे तक पहुंचाई जा रही है। आप निर्धारित 50 रुपए का भुगतान कर डाकिए को बुला सकते हैं। डाक विभाग ने डाकियों को आधार बनाने और सुधारने के लिए उपकरण और कॉमन सर्विस सेंटर की आईडी उपलब्ध कराई है।
बिहार राज्य में वर्तमान में 10,000 डाकिया हैं, जिनमें से 2,800 डाकिये पहले से ही घर-घर जाकर मोबाइल किट के माध्यम से आधार कार्ड बना रहे हैं। अब इस संख्या में वृद्धि करते हुए 7,000 और डाकियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें इस कार्य के लिए तैयार किया जा रहा है। यह कार्य 30 सितंबर तक पूरा किया जा सकता है, और इसका लक्ष्य 5 साल तक के 10 लाख बच्चों का आधार कार्ड बनाना है। अभी तक, 5 साल तक के केवल 1,60,000 बच्चों का ही आधार बनाया जा सका है।
आधार कार्ड में मोबाइल नंबर और पता अपडेट करवाने की सुविधा भी अब डाकिए के माध्यम से घर बैठे ही की जा सकेगी। इस सेवा के लिए डाक विभाग के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि यह कार्य अब घर पर ही संभव होगा। राज्य में हर बच्चे का आधार कार्ड बन सके, इसके लिए 7,000 डाकियों को प्रशिक्षित कर घर भेजा जाएगा।
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