PM Dhan Dhaanya Krishi Yojana 2025: भारत सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए एक नई ऐतिहासिक योजना की घोषणा की है —
“प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (Prime Minister Dhan Dhaanya Krishi Yojana 2025)”।
यह योजना भारत के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर, सिंचाई व्यवस्था और किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव लाने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है।
यह योजना केंद्र सरकार की कैबिनेट द्वारा 2025 में मंजूर की गई है और वित्त वर्ष 2025-26 से लागू होगी। इसे 6 वर्षों तक (2030-31 तक) चलाया जाएगा।
PM Dhan Dhaanya Krishi Yojana 2025 क्या है?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना एक राष्ट्रीय स्तर की समेकित (integrated) योजना है,
जिसका उद्देश्य कम उत्पादकता वाले जिलों में कृषि उत्पादन, फसल विविधता और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
सरकार ने इस योजना के तहत देशभर के 100 जिलों की पहचान की है, जहाँ खेती में कम निवेश, सिंचाई की कमी और फसल भंडारण की कमजोर व्यवस्था है।
इन जिलों को विकसित कर कृषि को आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाना इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है।
योजना के प्रमुख उद्देश्य (Main Objectives)
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि: आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज और वैज्ञानिक खेती पद्धतियों को बढ़ावा देना।
- सिंचाई और जल संरक्षण: हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को प्रोत्साहन।
- फसल विविधीकरण (Crop Diversification): केवल धान या गेहूं पर निर्भरता कम करके दलहन, तिलहन और फल-सब्जी फसलों को प्रोत्साहित करना।
- भंडारण और लॉजिस्टिक सुधार: पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कोल्ड स्टोरेज, गोदाम और वेयरहाउस की सुविधा विकसित करना।
- किसान क्रेडिट सुविधा: किसानों को आसान ब्याज दर पर ऋण और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- पोस्ट-हार्वेस्ट वैल्यू एडिशन: कटाई के बाद फसल को वैल्यू-एडेड उत्पाद में बदलने की सुविधा देना।
- सतत और टिकाऊ कृषि: मृदा संरक्षण, जैविक खाद और पर्यावरण-सुरक्षित खेती को प्रोत्साहित करना।
कुल बजट और समय अवधि
- योजना की अवधि: 6 वर्ष (2025-26 से 2030-31 तक)
- कुल अनुमानित बजट: लगभग ₹1.44 लाख करोड़ (₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष)
- वित्त पोषण मॉडल: केंद्र और राज्य सरकारें 60:40 के अनुपात में निवेश करेंगी।
- संबंधित विभाग: 11 मंत्रालयों और 36 मौजूदा कृषि योजनाओं का एकीकरण किया जाएगा।
योजना किन जिलों में लागू होगी?
पहले चरण में देश के 100 जिलों को चुना गया है —
जहाँ कृषि विकास दर औसत से कम है, सिंचाई की पहुंच सीमित है और किसानों की औसत आय राष्ट्रीय औसत से नीचे है।
इन जिलों में:
- बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के पिछड़े कृषि क्षेत्र शामिल होंगे।
किसानों को क्या-क्या लाभ मिलेंगे?
- किसानों को कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी।
- फसल भंडारण, कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट्स की सुविधा हर जिले में विकसित की जाएगी।
- किसानों को कम ब्याज दर पर लोन और डिजिटल क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से मदद मिलेगी।
- फसल बीमा कवरेज और सरकारी खरीद (Procurement) की प्रक्रिया को और आसान किया जाएगा।
- महिला किसानों को भी योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
- कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
किन मंत्रालयों और विभागों की भूमिका होगी?
यह योजना 11 मंत्रालयों की साझेदारी से चलाई जाएगी, जिनमें शामिल हैं:
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- जल संसाधन मंत्रालय
- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय
- सहकारिता मंत्रालय
- वित्त मंत्रालय
- पर्यावरण मंत्रालय
- ऊर्जा मंत्रालय
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
इन मंत्रालयों का समन्वय NITI Aayog और कृषि मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
क्रियान्वयन प्रक्रिया (Implementation Process)
- प्रत्येक जिले में एक जिला कृषि विकास मिशन सेल बनाई जाएगी।
- सभी परियोजनाओं की निगरानी राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा होगी।
- ब्लॉक स्तर पर कृषि सलाहकार टीम किसानों को मार्गदर्शन देगी।
- PM Dhan Dhaanya Krishi Portal के माध्यम से किसान ऑनलाइन आवेदन और योजना की स्थिति देख सकेंगे।
योजना कब से लागू होगी?
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 1 अप्रैल 2025 से पूरे देश में शुरू होगी।
2025-26 में इसका पहला चरण चलेगा, जिसमें 100 जिलों को कवर किया जाएगा,
और 2030 तक इसे सभी राज्यों तक विस्तार दिया जाएगा।
सरकार का कहना क्या है?
केंद्रीय कृषि मंत्री के अनुसार —
“प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का लक्ष्य है कि भारत के हर किसान को आधुनिक खेती, वित्तीय सहयोग और बाजार तक सीधी पहुंच मिले। यह योजना आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में सबसे बड़ा कदम है।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 भारत की अब तक की सबसे बड़ी कृषि विकास योजनाओं में से एक है।
इससे न केवल किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।
अगर यह योजना सही ढंग से लागू की गई, तो आने वाले वर्षों में भारत का कृषि क्षेत्र “Atmanirbhar Krishi Mission” बन सकता है।